उत्तराखंड में राज्य कर विभाग ने 22 फर्मों पर की बड़ी कार्रवाई

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उत्तराखंड में राज्य कर विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 22 फर्मों की 8.5 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का पता लगाया है। यह फर्में इलेक्ट्रिकल उपकरणों और उनके कच्चे माल के व्यापार से जुड़ी हुई थीं, जिन्होंने बिना माल की वास्तविक आपूर्ति के बोगस आईटीसी का लाभ उठाकर अपनी जीएसटी देयता को समायोजित किया था।

इस धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ जब जीएसटी टीमों ने देहरादून, हरिद्वार, और रुड़की में इन फर्मों के व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की। इन फर्मों के लेनदेन पर कुछ महीनों से निगाह रखी जा रही थी। छापेमारी में जब्त किए गए दस्तावेजों और फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से एकत्रित डिजिटल साक्ष्यों की जांच पड़ताल के बाद, इन फर्मों द्वारा 8.5 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की पुष्टि हुई।

इस कार्रवाई में उपायुक्त विनय पांडेय, निखिलेश श्रीवास्तव, अजय बिरथरे, सुरेश कुमार, शिवशंकर यादव, सहायक आयुक्त मनमोहन असवाल, टीका राम, रजनीकांत शाही, राज्य कर अधिकारी ईशा, असद अहमद, और गजेंद्र भंडारी जैसे अधिकारियों की टीम शामिल थी। जीएसटी चोरी में पकड़ी गई फर्मों के मालिकों की संपत्तियों का विवरण जुटाया जा रहा है, ताकि उसी हिसाब से वसूली की कार्रवाई की जा सके।

इस घटना के प्रकाश में आने के बाद, कुछ फर्मों ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए 1.65 करोड़ रुपये की जीएसटी राशि मौके पर ही जमा कर दी। जीएसटी चोरी से जुड़ी अन्य फर्मों की आंतरिक जांच भी जारी है, और इस मामले में और भी खुलासे होने की संभावना है।

 

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