भविष्य में तीन नवीन क्रिमिनल लॉ के लागू होने पर पुलिस बल को ‘लॉ’ के लिए तैयार करने को डीजीपी ने अधिकारियो संग की चर्चा

देहरादून-: कहीं न कहीं पुरानी अंग्रेज़ी हुकूमत की छाप दिखाते आईपीसी 1860, सीआरपीसी 1973, एंड इंडियन एविडेंस एक्ट 1872 को बदलकर भारत के कानून को भारत की तरह बनाने को मोदी सरकार द्वारा गत वर्ष सदन में पेश किए गए विधेयक भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 एवं भारतीय साक्ष्य विधेयक-2023 को लागू किये जाने के सम्बंध में आज पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार द्वारा पुलिस मुख्यालय सभागार में जनशक्ति, प्रशिक्षण, बजट, पाठयक्रम, इंफ्रास्ट्रकचर, प्रोसिक्यूशन व जनजागरूगता इत्यादि विषयों पर अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ बैठक की।
उनके द्वारा बैठक में प्रदेश के सभी थानों में 7 साल से अधिक सजा वाले पंजीकृत अपराधों का डेटा देखकर प्रशिक्षण हेतु जनशक्ति निर्धारित करने को कहा। उन्होंने कहा कि सभी जनपद में घटित होने वाले अपराध सम्बंधी डाटा का पूर्ण व अच्छे से विश्लेषण कर लिया जाए जो भविष्य में विधिक सलाहकारों की नियुक्ति में सहायक होगा। नये कानूनों के प्रशिक्षण हेतु आईपीएस, पीपीएस, राजपत्रित अधिकरियों की सूची तैयार कर बीपीआर एंड डी से समन्वय स्थापित कर शीघ्र ही मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण कराये जाने का निर्णय लिया गया।
उन्होंने अधिकारियों को बताया कि उपरोक्त कानूनों के प्रभावी होने पर 18 हज़ार पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान कराया जाना है, जिसके दृष्टिगत एटीआई व उजाला द्वारा तैयार ट्रैनिंग माडयूल का अध्ययन कर ऑनलाइन व ऑफलाइन ट्रैंनिग माडयूल तैयार कर लिए जाएं। प्रशिक्षण पाठयक्रम पर चर्चा करते हुए उन्होंने व समस्त अधिकारियों द्वारा पुलिस कर्मियों को पीटीसी/ एटीसी में प्रशिक्षण प्रदान किये जाने का निर्णय लिया गया।
उन्होंने बताया कि आईपीएस स्तर के रैंक अधिकारियों हेतु एनपीए माडल पर ट्रेनिंग माडयूल, पुलिस उपाधीक्षक स्तर के उपर रैंक के अधिकरियों हेतु पीटीसी मुरादाबाद व पंजाब पुलिस माडल पर ट्रेनिंग माडयूल, निरीक्षक/ उप निरीक्षक स्तर के अधिकारियों हेतु सीडीटीआई चण्डीगढ़ व भोपाल के ट्रेनिंग माडय़ूल पर प्रशिक्षण प्रदान किया जाने पर विचार किया गया।
उन्होंने बताया कि डेटा सेन्टर, डेटा ट्रांसमिशन, डेटा स्टोरेज में कितना व्यय होगा इसका समय से विश्लेषण कर लिया जाना चाहिए एवं उपकरणों की आवश्यकता के सम्बन्ध में चरणवार आवश्यकता का प्रस्ताव तैयार किया जाये। उन्होंने अधिकारियों कक नये कानूनों से प्रभावित होने वाले केन्द्रीय, राज्य व स्थानीय अधिनियमों की सूची भी तैयार करने को कहा है। नये काननों की जनजागरूकता के प्रचार प्रसार के सम्बन्ध में टाइमलाइन व टार्गेट प्लान के साथ आम जन व पुलिस से जुडे लोगों को गली/मौहल्ला, ग्राम सभा, तहसील, ब्लाक स्तर व राज्य स्तर पर उनकी आवश्यकता के अनुरूप प्रशिक्षण प्रदान किया जाये। साथ ही इस सम्बन्ध में जनपद स्तर पर नोडल अधिकारी भी नियुक्त किये जाये।
बैठक में अमित सिन्हा, अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन अमित सिन्हा,अपर पुलिस महानिदेशक, सतर्कता वी0मुरुगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था ए0पी0अंशुमान केवल खुराना, पुलिस महानिरीक्षक, प्रशिक्षण केवल खुराना, पुलिस महानिरीक्षक, मुख्यालय विम्मी सचदेवा, पुलिस महानिरीक्षक, प्रो0/मार्ड0 नीलेश आनंद भरणे, पुलिस उप महानिरीक्षक, प्रो0/मार्ड0 व सीसीटीएनएस सेंथिल अब्दुई कृष्ण राज एस0,पुलिस उपमहानिरीक्षक, फायर सर्विस निवेदिता कुकरेती, पुलिस उपमहानिरीक्षक प्रशिक्षण बरिंदरजीत सिंह, पुलिस उप महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था पी0 रेणुका देवी आदि उपस्थित रहे।