सीबीआई ने जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के पाखारो रेंज में टाइगर सफारी मामले की जांच शुरू की

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के पाखारो रेंज में टाइगर सफारी मामले की जांच शुरू कर दी है। राज्य के निदेशक सतर्कता वी मुर्गेशन ने एएनआई को बताया। सीबीआई के अनुरोध पर स्टेट विजिलेंस ने कॉर्बेट मामले से जुड़े सभी दस्तावेज सीबीआई को सौंप दिए हैं.”
कॉर्बेट पार्क मामले की जांच नैनीताल हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई कर रही है. इस मामले में सबसे पहले पाखरो सफारी मामले से जुड़े तीन सेवानिवृत्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) और एक मौजूदा पीसीसीएफ समेत रेंज में काम करने वाले करीब एक दर्जन वन अधिकारियों, कर्मचारियों और ठेकेदारों से सीबीआई पूछताछ करने जा रही है.
सीबीआई की जांच का मुख्य केंद्र बिंदु तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत होंगे, क्योंकि विजिलेंस और अन्य जांचों से पता चला है कि हरक सिंह के दबाव में कॉर्बेट टाइगर सफारी में वित्तीय और अन्य स्वीकृतियां लिए बिना ही काम शुरू कर दिया गया था.
इससे पहले विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट पार्क में छह हजार पेड़ों की कटाई और अवैध निर्माण के मामले में उत्तराखंड हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि इस मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच क्यों नहीं कराई जाए.
बताया गया है कि 2017 से 2022 के बीच जिम कॉर्बेट में टाइगर सफारी और अन्य पर्यटक सुविधाओं के निर्माण कार्य के लिए पेड़ों को काटा गया था. राष्ट्रीय उद्यान में चारदीवारी और इमारतों का भी निर्माण किया गया। हरक सिंह रावत 2017 में राज्य के वन मंत्री थे.
देहरादून निवासी अनु पंत की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने सरकार से सवाल किया. याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि कॉर्बेट में 6,000 पेड़ों की कटाई के संबंध में कई रिपोर्टें कोर्ट के सामने रखी गईं. ये सभी रिपोर्ट याचिकाकर्ता के वकील अभिजय नेगी ने कोर्ट को विस्तार से दिखाईं