केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को किया बैन

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घरेलू आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके कई सहयोगियों पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। प्रतिबंध के लिए केन्द्र सरकार की और से एनआईए के द्वारा देश के कई राज्यों में छापेमारी की गई था। वहा मिले सबूत ने आधार पर ही पीएफआई पर पूरे देश में प्रतिबंध लगा दिया गया है।

एनआईए ने 22 सितंबर को 15 राज्यों में 93 पीएफआई स्थानों पर छापेमारी की थी, जिसके बाद देश भर में राज्य पुलिस ने उस संगठन पर छापा मारा था जो मुस्लिम युवाओं को चरमपंथ की ओर ले जा रहा था

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार देर रात एक अधिसूचना में कहा कि पीएफआई के कुछ संस्थापक सदस्य स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के नेता हैं और पीएफआई के जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से संबंध हैं। साथ ही इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) जैसे वैश्विक आतंकवादी समूहों के साथ पीएफआई के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के कई उदाहरण हैं।
अधिसूचना में दावा किया गया है कि पीएफआई और उसके सहयोगी मोर्चे देश में असुरक्षा की भावना को बढ़ावा देकर एक समुदाय के कट्टरपंथ को बढ़ाने के लिए गुप्त रूप से काम कर रहे हैं, जिसकी पुष्टि इस तथ्य से होती है कि कुछ पीएफआई कैडर अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों में शामिल हो गए हैं।
गृह मंत्रालय  की और से दावा किया गया है कि पीएफआई के पदाधिकारी और कैडर अन्य लोगों के साथ मिलकर साजिश कर रहे हैं और एक “अच्छी तरह से तैयार की गई आपराधिक साजिश” के हिस्से के रूप में बैंकिंग चैनलों, हवाला और डोनेशन के माध्यम से भारत और विदेशों से धन जुटा रहे हैं, और उसे स्थानांतरित करने के साथ लेयरिंग कर रहे हैं। पीएफआई द्वारा इन निधियों को कई खातों के माध्यम से एकीकृत करके उन्हें वैध के रूप में पेश करने के साथ भारत में विभिन्न आपराधिक, गैरकानूनी और आतंकवादी गतिविधियों के लिए इनका उपयोग कर रहे है ।

पीएफआई द्वारा किए गए आपराधिक हिंसक मामलों में एक कॉलेज के प्रोफेसर के अंगों को काटना, अन्य धर्मों को मानने वाले संगठनों से जुड़े व्यक्तियों की निर्मम हत्याएं, प्रमुख लोगों और स्थानों को लक्षित करने के लिए विस्फोटक प्राप्त करना और सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करना शामिल है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी, प्रवर्तन निदेशालय और राज्य पुलिस बलों ने संयुक्त रूप से भारत भर में पीएफआई नेताओं और सदस्यों के घरों और कार्यालयों पर तलाशी अभियान चलाया था । केंद्रीय एजेंसियों की और से लगभग 15 राज्यों में 93 स्थानों पर तलाशी ली गई जिसमें पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 100 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया।

जिन राज्यों में छापे मारे गए उनमें आंध्र प्रदेश (4 स्थान), तेलंगाना (1), दिल्ली (19), केरल (11), कर्नाटक (8), तमिलनाडु (3), उत्तर प्रदेश (1), राजस्थान (2 स्थान) शामिल हैं। ), हैदराबाद (5), असम, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, पश्चिम बंगाल, बिहार और मणिपुर।

“निरंतर इनपुट और सबूत” के बाद एनआईए द्वारा दर्ज पांच मामलों के संबंध में तलाशी ली गई थी कि पीएफआई नेता और कैडर, आतंकवाद और आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण में शामिल थे,इसके साथ ही सशस्त्र प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित करते थे और लोगों को प्रतिबंधित में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी बनाते थे।।

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