मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखंड के जल संसाधनों के संरक्षण और पुनर्जीवन पर चर्चा की

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मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें उत्तराखंड के जल संसाधनों के संरक्षण और पुनर्जीवन पर चर्चा की गई। इस बैठक में, उन्होंने राज्य के जलस्रोतों, नदियों, सहायक नदियों और धाराओं के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए एक एकीकृत और समग्र दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उनका मानना है कि जिलावार योजनाओं के बजाय एक समग्र योजना अधिक प्रभावी होगी, जो विभिन्न जल संसाधनों के बीच अंतर्संबंधों को समझते हुए उनके संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए कार्य करेगी।

इस बैठक में, रतूड़ी ने जोर देकर कहा कि जल संरक्षण और प्रबंधन के लिए एक एकीकृत योजना विकसित की जानी चाहिए, जो न केवल जल स्रोतों के पुनर्जीवन पर केंद्रित हो, बल्कि स्थानीय समुदायों के साथ सहयोग और समन्वय भी सुनिश्चित करे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जल संरक्षण के लिए जिला स्तर पर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करें और जल संरक्षण अभियान 2024 के तहत प्रत्येक ब्लॉक में कम से कम 10 गंभीर रूप से सूख रही जलधाराओं और जिले में 20 गंभीर रूप से सूख रहीं जलधाराओं या सहायक नदियों की पहचान करने के लिए कहा।

इसके अलावा, उन्होंने जिलाधिकारियों को जल संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए एक सप्ताह के भीतर एक विस्तृत योजना प्रस्तुत करने के लिए भी कहा। इस योजना में जल संरक्षण के लिए नवीन तकनीकों, सामुदायिक भागीदारी, और जल संसाधनों के सतत प्रबंधन के उपायों को शामिल करना होगा। रतूड़ी ने यह भी सुनिश्चित किया कि इस योजना का क्रियान्वयन प्रभावी ढंग से हो, ताकि उत्तराखंड के जल संसाधनों का संरक्षण और पुनर्जीवन सुनिश्चित किया जा सके।

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